Friday, June 2, 2023
Google search engine
HomeTechnologyKoo Layoffs: ट्विटर के बाद उसके देसी विकल्प 'कू' में भी छंटनी,...

Koo Layoffs: ट्विटर के बाद उसके देसी विकल्प 'कू' में भी छंटनी, 30 प्रतिशत स्टाफ की छुट्टी

koo lay-off news

Koo Layoffs News: ट्विटर के स्थानीय विकल्प के रूप में मजबूती से उभर रहे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘कू’ ने भारत में हाल के महीनों में अपने लगभग एक तिहाई कर्मचारियों को बाहर कर दिया है.

twitter vs koo

भारतीय अधिकारियों के साथ ट्विटर के विवाद के बीच कई सरकारी अधिकारियों, क्रिकेट सितारों, मशहूर हस्तियों और आम लोगों ने स्थानीय विकल्प के रूप में कू का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.

koo app news

टाइगर ग्लोबल की ओर से समर्थित कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि तीन साल पुराने माइक्रोब्लॉगिंग ऐप ने अपने लगभग 260 श्रमिकों में से 30% की छंटनी कर दी है.

Koo latest updates

कंपनी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल पूरी दुनिया में डेवलपमेंट से अधिक स्किल पर फोकस किया जा रहा है. कंपनियों को अपनी वित्तीय स्थिति को ठीक करने की ज्यादा जरूरत है.

Koo vs Twitter

शुरुआत में ट्विटर और सरकार के बीच विवाद की वजह से बेंगलुरु स्थित माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी को फायदा हुआ. लेकिन जैसे-जैसे लोग ट्विटर की ओर लौटने लगे, कंपनी की मुश्किलें बढ़ने लगीं.

koo app news

आर्थिक मामले में कंपनी के सामने मौजूदा संकट वैश्विक बाजार में आईटी कंपनियों के प्रति मंदी का रुख बढ़ने की वजह से उत्पन्न हुआ है. एक लंबी उड़ान भरनेवाले स्टार्टअप के रूप में पहचान बनानेवाले कू का मूल्यांकन घटा है.

koo app latest news

हालांकि, कू ऐप के प्रवक्ता ने कहा, हमने हाल ही जनवरी 2023 में 10 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई है और हम अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं. हम फिलहाल धन जुटाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम आय के साथ काफी तरक्की कर रहे हैं और भविष्य में जरूरत के हिसाब से धन जुटाने की कोशिश करेंगे. ज्यादातर स्टार्टअप्स की तरह ही कू ऐप ने भी अचानक आने वाले उछाल को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की एक निर्धारित संख्या जुटाई.

koo app new logo

बाजार के मौजूदा हालात और वैश्विक मंदी की बाहरी हकीकत को देखते हुए हम पर भी असर पड़ा. दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कुछ कंपनियों ने भी हजारों नौकरियां छीन ली हैं. हम एक नये स्टार्टअप हैं और हमारा आगे का रास्ता बहुत लंबा है. फिलहाल वैश्विक भावना तरक्की की बजाय दक्षता पर ज्यादा केंद्रित है और व्यवसायों को इकाई अर्थशास्त्र साबित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है.

koo

कंपनी के प्रवक्‍ता ने कहा कि इस दौर के गुजरने तक सभी तरह के व्यवसायों के लिए कुशल और रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है. इसके ही चलते, हमने वर्ष के दौरान अतिरेक भूमिका वाले अपने 30 प्रतिशत कार्यबल को जाने दिया है और मुआवजा पैकेज, स्वास्थ्य लाभ में बढ़ोतरी और विस्थापन सेवाओं के जरिये उनकी सहायता की है.

Source link

Related articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest News

Entertainment