WhatsApp Privacy Violation: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार स्मार्टफोन के उपयोग में नहीं रहते हुए उसका इस्तेमाल करने वालों के माइक्रोफोन तक सोशल मीडिया मंच व्हाट्सऐप की पहुंच होने के दावे की जांच करेगी. मंत्री ने ट्विटर पर लिखा है कि भले ही नया डिजिटल व्यक्तिगत सूचना संरक्षण विधेयक तैयार किया जा रहा हो, सरकार निजी सूचना की गोपनीयता के कथित उल्लंघन की जांच करेगी. यह दावा किया गया कि एक उपयोगकर्ता के माइक्रोफोन में ऐसे समय में व्हाट्सऐप की पहुंच हुई जब वह उपयोगकर्ता सो रहा था.
ट्विटर के इंजीनियरिंग विभाग में निदेशक फोड डाबिरी ने हाल ही में कहा था, यह क्या चल रहा है… व्हाट्सऐप ‘बैकग्राउंड’ में माइक्रोफोन का उपयोग कर रहा था. यह तब हो रहा रहा था, जब मैं सो रहा था और सुबह 6 बजे उठने पर पता चला. डाबिरी के ट्वीट का जवाब देते हुए चंद्रशेखर ने कहा, इस प्रकार का उल्लंघन कतई स्वीकार्य नहीं है. यह गोपनीयता का उल्लंघन है. उन्होंने कहा, हम तुरंत इसकी जांच करेंगे और निजी जानकारी की गोपनीयता के किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई करेंगे. डाबिरी का ट्वीट वायरल हो गया है. इसे 6.5 करोड़ से अधिक बार देखा गया. उधर, व्हाट्सऐप ने कहा है कि वह समस्या के बारे में पोस्ट करने वाले ट्विटर इंजीनियर के साथ पिछले 24 घंटों से संपर्क में है.
व्हाट्सऐप ने एक ट्वीट में कहा, हम मानते हैं कि यह एंड्रॉयड पर एक वायरस है जो उनके गोपनीयता डैशबोर्ड में जानकारी को गलत तरीके से उपलब्ध कराता है. इसको लेकर गूगल से जांच और इससे निपटने के लिये जरूरी सुधार करने के लिए कहा गया है. कंपनी ने यह भी दावा किया कि उपयोगकर्ता का अपनी माइक की सेटिंग पर पूरा नियंत्रण है. सोशल मीडिया मंच ने कहा, अनुमति मिलने के बाद, व्हाट्सऐप केवल माइक तक उस समय पहुंचता है जब कोई उपयोगकर्ता कॉल कर रहा होता है या वॉयस नोट या वीडियो रिकॉर्ड कर रहा होता है. उस समय भी बातचीत और अन्य जानकारी ‘एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन’ के जरिये सुरक्षित होती हैं. इसीलिए व्हाट्सऐप उन्हें सुन नहीं सकता है.
ट्विटर के साथ काम करने वाले इंजीनियर ने अपने फोन के स्क्रीनशॉट साझा किये हैं. इनमें व्हाट्सऐप को कई बार इंजीनियर के हैंडसेट के माइक्रोफोन का उपयोग करते हुए दिखाया गया जबकि उस दौरान वह सो रहा था. इन स्क्रीनशॉट के बाद ट्विटर, टेस्ला इंक के प्रमुख एलन मस्क सहित कई उपयोगकर्ताओं ने चिंता जाहिर की है. मस्क ने कहा कि व्हाट्सऐप पर भरोसा नहीं किया जा सकता. भारत में व्हाट्सऐप विभिन्न मुद्दों को लेकर जांच के दायरे में है. गत अक्टूबर में दो घंटे तक सेवा में व्यवधान के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस सोशल मीडिया मंच से व्यवधान के कारण बताने के लिए कहा था.